गिलोय जूस
आज से कुछ वर्षो पूर्व Giloy के बारे में बहुत कम लोग जानते थे लेकिन अब Giloy juice एक पौष्टिक और स्वस्थ पेय है जिसने हाल के दिनों में लोकप्रियता हासिल की है। आज गिलोय जूस पिने के फायदे इतने ज्यादा हो चूका है की हर कोई इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहा है। गिलोय का जूस बनाने के लिए गिलोय के पौधे के तनों को पानी में उबालकर उसका रस निकालकर रस बनाया जाता है। गिलोय जूस का स्वाद कड़वा होता है, जो शायद सभी को पसंद न आए, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि giloy juice ke fayde इसके स्वाद से कहीं ज्यादा होते हैं।
गिलोय का रस एक सिंथेटिक सप्लीमेंट्स का एक प्राकृतिक और जैविक विकल्प है, जो अक्सर हानिकारक साइड इफेक्ट्स से भी जुड़ा हैं। इसलिए बिना डॉक्टर के सलाह के आप अपने हिसाब से इसे कभी मत पिए। गिलोय के रस के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक है की गिलोय जूस आपके लिए बहुत अच्छा इम्युनिटी बूस्टर है । गिलोय जूस पिने से आपको बीमारी से लड़ने की छमता बढ़ जाती है और आप जल्दी बीमार भी नहीं होते।
गिलोय का रस में प्राकृतिक कंपाउंड्स होते हैं जो शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं(white blood cells) के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे और भी बहुत गुणों का भण्डार है गिलोय का जूस। तो आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे की गिलोय जूस के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।
साथ ही जानेंगे घर पे giloy juice kaise banaye और गिलोय रस पीने का तरीका। सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी गिलोय का भरपूर मात्रा में उपयोग किया जाता रहा है। पर अगर आप नहीं गिलोय के बारे में नहीं जानते तो चलिए जानते है की गिलोय है क्या ?
गिलोय क्या है और गिलोय का वैज्ञानिक नाम क्या है ?गिलोय का कुल नाम?
भारत सदियों से ही औषधियों का खजाना रहा है, जहा आपको विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों मिल जायेंगे। ऐसा ही एक औषधिय पौधा है गिलोय। भारतीय में लोक कथाओं के अनुसार लोग गिलोय के पौधे को अमृता कहते थे। अगर आप और जानकारी जानना चाहते है तो भारत की आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में गिलोय का उल्लेख आपको जरूर मिल जायेगा।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में गिलोय के इतने सारे लाभकारी गुणों के कारण इसे एक औषधीय जड़ी-बूटी के रूप में मान्यता दी गई है। गिलोय का वैज्ञानिक (botanical ) नाम टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia ) है और यह मेनिस्पर्मेसी (Menispermaceae) परिवार से संबंधित है। यह हरी-पीली दिल के आकार की पत्तियों वाली चढ़ाई वाली झाड़ी है। गिलोय की प्रजातियां विशेष रूप से भारत और चीन के कुछ हिस्सों में हैं और ट्रॉपिकल(tropical )और सब ट्रॉपिकल (sub tropical )क्षेत्रों में उगती हैं।
गिलोय को अमृतवली, वत्सदानी, अमारा और चिन्नोदभा आदि जैसे तरह तरह के नाम दिए गए हैं। गिलोय का रस पौधे की शाखाओं या तनों को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। दिखने में ये हरा रंग का होता है। यह हर तरह से हर्बल पेय है। आप इसे ताज़े रस या काढ़े के रूप में एक इम्युनिटी बूस्टर पेय के रूप में ले सकते हैं।
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गिलोय जूस के फायदे और नुकसान
गिलोय जूस के फायदे/giloy juice benefits
स्ट्रेस को कम करता है – आज के डेट में स्ट्रेस जैसी समस्या आम बात है। ज्यादा स्ट्रेस लेने से आपका इम्युनिटी पावर यानि की आपकी रोगो से लड़ने की छमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में गिलोय के जूस सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। क्यूकी गिलोय के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं। यह मन को शांत करने में मदद करता है और आपको रिलैक्स करता है।
इम्युनिटी को बढ़ाता है – गिलोय के रस में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते है जो आपके इम्युनिटी को बढ़ाता है। इम्युनिटी अच्छी रहने से आप जल्दी बीमार नहीं होते और रोगो से लड़ने की छमता भी आपकी तेज़ हो जाती है। यदि आपकी इम्युनिटी बहुत कमजोर है तो आपको गिलोय के जूस का सेवन जरूर करना चाहिए। गिलोय का जूस आपके सफेद रक्त कोशिकाओं (white blood cells) को बढ़ाने में मदद करता है।
पाचन में सुधार लाता है – गिलोय का रस आपके पाचन क्रिया को सुधारने में बहुत सहायक है। यह कब्ज, अपच और पेट फूलने जैसी पाचन समस्याओं को कम करता है। पर यदि आप कोई पेट सम्बंधित दवाई ले रहे है तो आपको बिना डॉक्टर के परामर्श के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
त्वचा के लिए बहुत अच्छा है – यदि आप कील मुहासों से परेशान है तो गिलोय का जूस का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। गिलोय का रस एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह मुंहासों, झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करने में मदद करता है और त्वचा को जवां दिखने में मदद करता है।
बुखार को कम करता है – गिलोय का सेवन करने से बुखार में भी आपको राहत मिल सकती है। गिलोय का रस बुखार के लिए एक प्राकृतिक उपचार है। यह बुखार को कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
जोड़ो के दर्द के लाभदायक – गिलोय का जूस का सेवन करने से गठिया के दर्द से राहत मिल हो सकती है। गिलोय के तने के चूर्ण को गर्म पानी और अदरक के साथ लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। गिलोय में मौजूद गुण सूजन को भी कम करने में सहायक होते है। बिना डॉक्टर के परामर्श के आप सेवन बिलकुल भी न करे।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है – कुछ अध्ययनों में उल्लेख में पाया गया है की गिलोय शरीर में इंसुलिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकता है। गिलोय का अर्क ग्लूकोज उत्पादन के लिए जिम्मेदार एंजाइम को नियंत्रित कर सकता है। इसका सेवन कैसे और कब करना चाहिए इसे सलाह और परामर्श कर के ही इसका सेवन उचित रहता है।
गिलोय जूस के नुकसान
- गिलोय का रस शुगर लेवल के स्तर को कम कर सकता है, जो मधुमेह या हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। शुगर के मरीजों को हमेशा ही डॉक्टर से परामर्श लेके ही गिलोय का रस लेना चाहिए।
- गिलोय का रस कुछ दवाओं के साथ इंटरेक्शन कर सकता है, जिनमें रक्त को पतला करने वाली दवाएं, मधुमेह की दवाएं और इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स शामिल हैं। यदि आप कोई दवा ले रहे हैं तो गिलोय का रस लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
- कुछ लोगों को गिलोय से एलर्जी हो सकती है और खुजली, सूजन और सांस लेने में कठिनाई जैसी एलर्जी का अनुभव हो सकता है। यदि आप गिलोय का रस लेने के बाद किसी भी तरह की एलर्जी का अनुभव करते हैं, तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।
- कुछ लोगों को गिलोय का रस लेने के बाद पाचन संबंधी दुष्प्रभाव जैसे मतली, उल्टी और दस्त का अनुभव हो सकता है। इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए छोटी खुराक से शुरू करना और धीरे-धीरे खुराक बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान गिलोय के रस की सुरक्षा पर सीमित शोध है। यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं तो गिलोय का रस लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
- कुल मिलाकर, गिलोय का रस कई लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके विपरीत दुष्प्रभावों के बारे में भी पता होना चाहिए और इसे लेने से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आप किसी बीमारी से ग्रषित है या किसी किस्म की दवा ले रहे है।
गिलोय जूस कैसे बनाएं ? / giloy juice kaise banaye/ गिलोय का जूस कैसे बनाते हैं
- सबसे पहले आप 1 गिलोय का तना ले ले। ध्यान रहे आपको सूखा तना नहीं लेना है।
- अब डंठल को छोटे छोटे टुकड़ो में काट ले और चाकू की सहायता से छील ले।
- छिलने के बाद आपको बिलकुल हरा तना दिखाई देने लगेगा।
- गिलोय को डंठल को दो भागों में काट ले और मिक्सी के जार में डाल दे।
- साथ में 1 गिलास पानी डाली दे।
- मिक्सी को चला के जूस बना ले।
- अब छन्नी की सहायता से छान ले।
- 1 गिलास जूस को आधा आधा कर के पानी के साथ मिला के सुबह शाम हफ्ते में 2 बार पी सकते है।
- क्यूकी गिलोय का जूस कड़वा होता है तो आप चाहे तो 1 चम्मच शहद मिलकर पी सकते है।
गिलोय रस पीने का तरीका /पतंजलि गिलोय स्वरस सेवन विधि/ Patanjali giloy juice
अगर आपकी उम्र 20+ है तो आप 25 ml पतंजलि गिलोय जूस को 1 गिलास में ले और साथ में थोड़ा सा पानी मिक्स करे। कोशिश करे की खाली पेट ही इसका सेवन करे। या फिर आप ब्रेकफास्ट के बाद भी ले सकते है। पर खाली पेट ये ज्यादा फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष
आपको Giloy Juice का ब्लॉग आर्टिकल कैसा लगा हमे कमेंट में लिखकर जरूर बताये। गिलोय पीने के फायदे बहुत है पर साथ ही साथ इसके नुकसान भी है। इशलिये सेवन करने से पहले हमेशा किसी से परामर्श जरूर ले। आपका कोई सुझाव हो तो उसे भी शामिल जरूर करे।
After 9 years bachho Gilroy juice de sakte hai?
5 साल की उम्र के बाद के बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम तक गिलोय दिया जा सकता है। इससे अधिक किसी भी कीमत न पर दें। यदि आपको लगता है कि बच्चा इससे ज्यादा भी डाइजेस्ट कर लेगा तब भी केवल डॉक्टर की सलाह पर ही ऐसा करें।